रामचरितमानस कथा की तुलना
(चौपाई)
सप्त प्रबन्ध सुभग सोपाना । ग्यान नयन निरखत मन माना ॥
रघुपति महिमा अगुन अबाधा । बरनब सोइ बर बारि अगाधा ॥१॥
राम सीय जस सलिल सुधासम । उपमा बीचि बिलास मनोरम ॥
पुरइनि सघन चारु चौपाई । जुगुति मंजु मनि सीप सुहाई ॥२॥
छंद सोरठा सुंदर दोहा । सोइ बहुरंग कमल कुल सोहा ॥
अरथ अनूप सुमाव सुभासा । सोइ पराग मकरंद सुबासा ॥३॥
सुकृत पुंज मंजुल अलि माला । ग्यान बिराग बिचार मराला ॥
धुनि अवरेब कबित गुन जाती । मीन मनोहर ते बहुभाँती ॥४॥
अरथ धरम कामादिक चारी । कहब ग्यान बिग्यान बिचारी ॥
नव रस जप तप जोग बिरागा । ते सब जलचर चारु तड़ागा ॥५॥
सुकृती साधु नाम गुन गाना । ते बिचित्र जल बिहग समाना ॥
संतसभा चहुँ दिसि अवँराई । श्रद्धा रितु बसंत सम गाई ॥६॥
भगति निरुपन बिबिध बिधाना । छमा दया दम लता बिताना ॥
सम जम नियम फूल फल ग्याना । हरि पत रति रस बेद बखाना ॥७॥
औरउ कथा अनेक प्रसंगा । तेइ सुक पिक बहुबरन बिहंगा ॥८॥
(दोहा)
पुलक बाटिका बाग बन सुख सुबिहंग बिहारु ।
माली सुमन सनेह जल सींचत लोचन चारु ॥ ३७ ॥