Sunday, 8 September, 2024

Bharat move forward to Chitrakoot

103 Views
Share :
Bharat move forward to Chitrakoot

Bharat move forward to Chitrakoot

103 Views

भरत चित्रकूट की ओर चले
 
जमुन तीर तेहि दिन करि बासू । भयउ समय सम सबहि सुपासू ॥
रातहिं घाट घाट की तरनी । आईं अगनित जाहिं न बरनी ॥१॥
 
प्रात पार भए एकहि खेंवाँ । तोषे रामसखा की सेवाँ ॥
चले नहाइ नदिहि सिर नाई । साथ निषादनाथ दोउ भाई ॥२॥
 
आगें मुनिबर बाहन आछें । राजसमाज जाइ सबु पाछें ॥
तेहिं पाछें दोउ बंधु पयादें । भूषन बसन बेष सुठि सादें ॥३॥
 
सेवक सुह्रद सचिवसुत साथा । सुमिरत लखनु सीय रघुनाथा ॥
जहँ जहँ राम बास बिश्रामा । तहँ तहँ करहिं सप्रेम प्रनामा ॥४॥
 
(दोहा)  
मगबासी नर नारि सुनि धाम काम तजि धाइ ।
देखि सरूप सनेह सब मुदित जनम फलु पाइ ॥ २२१ ॥

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *