Bharat thank Ram
By-Gujju01-05-2023
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राम की करुणा के लिए भरत ने आभार प्रकट किया
कहौं कहावौं का अब स्वामी । कृपा अंबुनिधि अंतरजामी ॥
गुर प्रसन्न साहिब अनुकूला । मिटी मलिन मन कलपित सूला ॥१॥
अपडर डरेउँ न सोच समूलें । रबिहि न दोसु देव दिसि भूलें ॥
मोर अभागु मातु कुटिलाई । बिधि गति बिषम काल कठिनाई ॥२॥
पाउ रोपि सब मिलि मोहि घाला । प्रनतपाल पन आपन पाला ॥
यह नइ रीति न राउरि होई । लोकहुँ बेद बिदित नहिं गोई ॥३॥
जगु अनभल भल एकु गोसाईं । कहिअ होइ भल कासु भलाईं ॥
देउ देवतरु सरिस सुभाऊ । सनमुख बिमुख न काहुहि काऊ ॥४॥
(दोहा)
जाइ निकट पहिचानि तरु छाहँ समनि सब सोच ।
मागत अभिमत पाव जग राउ रंकु भल पोच ॥ २६७ ॥