I will be fine in the forest – Sita
By-Gujju01-05-2023
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I will be fine in the forest – Sita
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सीता ने कहा, मेरी फिक्र न करो, मैं ठीक हूँ
पितु बैभव बिलास मैं डीठा । नृप मनि मुकुट मिलित पद पीठा ॥
सुखनिधान अस पितु गृह मोरें । पिय बिहीन मन भाव न भोरें ॥१॥
ससुर चक्कवइ कोसलराऊ । भुवन चारिदस प्रगट प्रभाऊ ॥
आगें होइ जेहि सुरपति लेई । अरध सिंघासन आसनु देई ॥
ससुरु एतादृस अवध निवासू । प्रिय परिवारु मातु सम सासू ॥
बिनु रघुपति पद पदुम परागा । मोहि केउ सपनेहुँ सुखद न लागा ॥३॥
अगम पंथ बनभूमि पहारा । करि केहरि सर सरित अपारा ॥
कोल किरात कुरंग बिहंगा । मोहि सब सुखद प्रानपति संगा ॥४॥
(दोहा)
सासु ससुर सन मोरि हुँति बिनय करबि परि पायँ ।
मोर सोचु जनि करिअ कछु मैं बन सुखी सुभायँ ॥ ९८ ॥