Jatayu tell Ram about Sita’s abduction by Ravan
By-Gujju27-04-2023
Jatayu tell Ram about Sita’s abduction by Ravan
By Gujju27-04-2023
रावण द्वारा सीताहरण – जटायु ने राम को बताया
तब कह गीध बचन धरि धीरा । सुनहु राम भंजन भव भीरा ॥
नाथ दसानन यह गति कीन्ही । तेहि खल जनकसुता हरि लीन्ही ॥१॥
लै दच्छिन दिसि गयउ गोसाई । बिलपति अति कुररी की नाई ॥
दरस लागी प्रभु राखेंउँ प्राना । चलन चहत अब कृपानिधाना ॥२॥
राम कहा तनु राखहु ताता । मुख मुसकाइ कही तेहिं बाता ॥
जा कर नाम मरत मुख आवा । अधमउ मुकुत होई श्रुति गावा ॥३॥
सो मम लोचन गोचर आगें । राखौं देह नाथ केहि खाँगेँ ॥
जल भरि नयन कहहिँ रघुराई । तात कर्म निज ते गतिं पाई ॥४॥
परहित बस जिन्ह के मन माहीँ । तिन्ह कहुँ जग दुर्लभ कछु नाहीँ ॥
तनु तजि तात जाहु मम धामा । देउँ काह तुम्ह पूरनकामा ॥५॥
(दोहा)
सीता हरन तात जनि कहहु पिता सन जाइ ।
जौँ मैँ राम त कुल सहित कहिहि दसानन आइ ॥ ३१ ॥