Friday, 15 November, 2024

Laxman leave Sita alone to help Ram, Ravan abduct Sita

140 Views
Share :
Laxman leave Sita alone to help Ram, Ravan abduct Sita

Laxman leave Sita alone to help Ram, Ravan abduct Sita

140 Views

राम की सहायता के लिए लक्ष्मण वन गये, रावण ने सीता का हरण किया
 
खल बधि तुरत फिरे रघुबीरा । सोह चाप कर कटि तूनीरा ॥
आरत गिरा सुनी जब सीता । कह लछिमन सन परम सभीता ॥१॥
 
जाहु बेगि संकट अति भ्राता । लछिमन बिहसि कहा सुनु माता ॥
भृकुटि बिलास सृष्टि लय होई । सपनेहुँ संकट परइ कि सोई ॥२॥
 
मरम बचन जब सीता बोला । हरि प्रेरित लछिमन मन डोला ॥
बन दिसि देव सौंपि सब काहू । चले जहाँ रावन ससि राहू ॥३॥
 
सून बीच दसकंधर देखा । आवा निकट जती कें बेषा ॥
जाकें डर सुर असुर डेराहीं । निसि न नीद दिन अन्न न खाहीं ॥४॥
 
सो दससीस स्वान की नाई । इत उत चितइ चला भड़िहाई ॥
इमि कुपंथ पग देत खगेसा । रह न तेज बुधि बल लेसा ॥५॥
 
नाना बिधि करि कथा सुहाई । राजनीति भय प्रीति देखाई ॥
कह सीता सुनु जती गोसाईं । बोलेहु बचन दुष्ट की नाईं ॥६॥
 
तब रावन निज रूप देखावा । भई सभय जब नाम सुनावा ॥
कह सीता धरि धीरजु गाढ़ा । आइ गयउ प्रभु रहु खल ठाढ़ा ॥७॥
 
जिमि हरिबधुहि छुद्र सस चाहा । भएसि कालबस निसिचर नाहा ॥
सुनत बचन दससीस रिसाना । मन महुँ चरन बंदि सुख माना ॥८॥
 
(दोहा)  
क्रोधवंत तब रावन लीन्हिसि रथ बैठाइ ।
चला गगनपथ आतुर भयँ रथ हाँकि न जाइ ॥ २८ ॥

 

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *