Messanger carry news to Bharat
By-Gujju01-05-2023
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भरत को खबर देने के लिए दूत भेजे गये
तेल नाँव भरि नृप तनु राखा । दूत बोलाइ बहुरि अस भाषा ॥
धावहु बेगि भरत पहिं जाहू । नृप सुधि कतहुँ कहहु जनि काहू ॥१॥
एतनेइ कहेहु भरत सन जाई । गुर बोलाई पठयउ दोउ भाई ॥
सुनि मुनि आयसु धावन धाए । चले बेग बर बाजि लजाए ॥२॥
अनरथु अवध अरंभेउ जब तें । कुसगुन होहिं भरत कहुँ तब तें ॥
देखहिं राति भयानक सपना । जागि करहिं कटु कोटि कलपना ॥३॥
बिप्र जेवाँइ देहिं दिन दाना । सिव अभिषेक करहिं बिधि नाना ॥
मागहिं हृदयँ महेस मनाई । कुसल मातु पितु परिजन भाई ॥४॥
(दोहा)
एहि बिधि सोचत भरत मन धावन पहुँचे आइ ।
गुर अनुसासन श्रवन सुनि चले गनेसु मनाइ ॥ १५७ ॥