Ram reach Sage Sharbhang’s ashram
By-Gujju27-04-2023
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Ram reach Sage Sharbhang’s ashram
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श्रीराम शरभंग मुनि के आश्रम में पधारे
मुनि पद कमल नाइ करि सीसा । चले बनहि सुर नर मुनि ईसा ॥
आगे राम अनुज पुनि पाछें । मुनि बर बेष बने अति काछें ॥१॥
उमय बीच श्री सोहइ कैसी । ब्रह्म जीव बिच माया जैसी ॥
सरिता बन गिरि अवघट घाटा । पति पहिचानी देहिं बर बाटा ॥२॥
जहँ जहँ जाहि देव रघुराया । करहिं मेध तहँ तहँ नभ छाया ॥
मिला असुर बिराध मग जाता । आवतहीं रघुवीर निपाता ॥३॥
तुरतहिं रुचिर रूप तेहिं पावा । देखि दुखी निज धाम पठावा ॥
पुनि आए जहँ मुनि सरभंगा । सुंदर अनुज जानकी संगा ॥४॥
(दोहा)
देखी राम मुख पंकज मुनिबर लोचन भृंग ।
सादर पान करत अति धन्य जन्म सरभंग ॥ ७ ॥