श्रीराम के आगमन से प्रकृति प्रसन्न रामहि केवल प्रेमु पिआरा । जानि लेउ जो जाननिहारा ॥ राम सकल बनचर तब तोषे । कहि मृदु बचन प्रेम परिपोषे ॥१॥ बिदा किए...
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રામાયણ
01-05-2023
Effect on nature
01-05-2023
Kaikeyi update Bharat on happenings
कैकेयी ने भरत को घटनाक्रम से माहितगार किया तात बात मैं सकल सँवारी । भै मंथरा सहाय बिचारी ॥ कछुक काज बिधि बीच बिगारेउ । भूपति सुरपति पुर पगु धारेउ ॥...
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01-05-2023
Bharat condemn Kaikeyi’s stand
भरत ने कैकेयी को झाडा बिकल बिलोकि सुतहि समुझावति । मनहुँ जरे पर लोनु लगावति ॥ तात राउ नहिं सोचे जोगू । बिढ़इ सुकृत जसु कीन्हेउ भोगू ॥१॥ जीवत सकल जनम...
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01-05-2023
Bharat rebuke Kaikeyi
भरत ने कैकेयी को झाडा जब तैं कुमति कुमत जियँ ठयऊ । खंड खंड होइ ह्रदउ न गयऊ ॥ बर मागत मन भइ नहिं पीरा । गरि न जीह मुहँ परेउ न कीरा ॥१॥ भूपँ प्रतीत ...
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01-05-2023
Sita like Chitrakoot
सीता को चित्रकूट पसंद आया राम संग सिय रहति सुखारी । पुर परिजन गृह सुरति बिसारी ॥ छिनु छिनु पिय बिधु बदनु निहारी । प्रमुदित मनहुँ चकोरकुमारी ॥१॥ नाह...
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01-05-2023
Kaikeyi enter kop-bhavan
कैकेयी कोपभुवन में गई कुबरिहि रानि प्रानप्रिय जानी । बार बार बड़ि बुद्धि बखानी ॥ तोहि सम हित न मोर संसारा । बहे जात कइ भइसि अधारा ॥१॥ जौं बिधि पु...
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01-05-2023
Dashrath hurt at the sight of Ram, Sita and Laxman
राम, सीता और लक्ष्मण को देखकर दशरथ व्यथित सकइ न बोलि बिकल नरनाहू । सोक जनित उर दारुन दाहू ॥ नाइ सीसु पद अति अनुरागा । उठि रघुबीर बिदा तब मागा ॥१॥ प...
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01-05-2023
Sumitra give her consent
राम के साथ वन में जाने के लिए सुमित्रा की अनुमति धीरजु धरेउ कुअवसर जानी । सहज सुह्द बोली मृदु बानी ॥ तात तुम्हारि मातु बैदेही । पिता रामु सब ...
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01-05-2023
Dashrath head out to meet Kaikeyi
महाराजा दशरथ कैकेयी को मिलने चले बाल सखा सुन हियँ हरषाहीं । मिलि दस पाँच राम पहिं जाहीं ॥ प्रभु आदरहिं प्रेमु पहिचानी । पूँछहिं कुसल खेम मृदु बा...
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01-05-2023
Ram remember Ayodhya
श्रीराम को अयोध्या की याद आती है सीय लखन जेहि बिधि सुखु लहहीं । सोइ रघुनाथ करहि सोइ कहहीं ॥ कहहिं पुरातन कथा कहानी । सुनहिं लखनु सिय अति सुखु मानी ...
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01-05-2023
Shatrughna thrash Manthara
शत्रुघ्न ने मंथरा को डाँटा सुनि सत्रुघुन मातु कुटिलाई । जरहिं गात रिस कछु न बसाई ॥ तेहि अवसर कुबरी तहँ आई । बसन बिभूषन बिबिध बनाई ॥१॥ लखि रिस भरेउ ...
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01-05-2023
Sumitra advise Laxman to serve Ram
राम की सेवा करने की सुमित्रा की सीख पुत्रवती जुबती जग सोई । रघुपति भगतु जासु सुतु होई ॥ नतरु बाँझ भलि बादि बिआनी । राम बिमुख सुत तें हित जानी...
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