विश्वमोहिनी के स्वयंवर में नारदजी (चौपाई)जेंहि समाज बैंठे मुनि जाई । हृदयँ रूप अहमिति अधिकाई ॥तहँ बैठ महेस गन दोऊ । बिप्रबेष गति लखइ न कोऊ ॥१॥ करहि...
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રામાયણ
01-05-2023
Moral of the story
माया बलवान है, मायापति का शरण लो (चौपाई)एहि बिधि जनम करम हरि केरे । सुंदर सुखद बिचित्र घनेरे ॥कलप कलप प्रति प्रभु अवतरहीं । चारु चरित नानाबिधि करही...
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01-05-2023
Narad unsuccessful
विश्वमोहिनी न मिली, कुरुप बनानेवाले को शाप दिया (चौपाई)जेहि दिसि बैठे नारद फूली । सो दिसि देहि न बिलोकी भूली ॥पुनि पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं । देखि...
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01-05-2023
Another story behind Ram’s incarnation
राम अवतार के पीछे एक ओर कहानी (चौपाई)अपर हेतु सुनु सैलकुमारी । कहउँ बिचित्र कथा बिस्तारी ॥जेहि कारन अज अगुन अरूपा । ब्रह्म भयउ कोसलपुर भूपा ॥१॥ जो ...
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01-05-2023
Narad blame Lord Vishnu
नारदजी ने भगवान विष्णु को दोषी ठहराया (चौपाई)पुनि जल दीख रूप निज पावा । तदपि हृदयँ संतोष न आवा ॥फरकत अधर कोप मन माहीं । सपदी चले कमलापति पाहीं ॥१॥ ...
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01-05-2023
Story of Manu and Shatarupa
मनु और शतरूपा की कहानी (चौपाई)स्वायंभू मनु अरु सतरूपा । जिन्ह तें भै नरसृष्टि अनूपा ॥दंपति धरम आचरन नीका । अजहुँ गाव श्रुति जिन्ह कै लीका ॥१॥ नृप उ...
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01-05-2023
Narad curse Lord Vishnu to face similar consequence
नारदजी ने भगवान को शाप दिया (चौपाई)परम स्वतंत्र न सिर पर कोई । भावइ मनहि करहु तुम्ह सोई ॥भलेहि मंद मंदेहि भल करहू । बिसमय हरष न हियँ कछु धरहू ॥१॥ ड...
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01-05-2023
Manu relegate his stately duties and head for forest
पुत्र को राज्यशासन सोंपकर मनु महाराज का वनगमन (चौपाई)बरबस राज सुतहि तब दीन्हा । नारि समेत गवन बन कीन्हा ॥तीरथ बर नैमिष बिख्याता । अति पुनीत साधक सि...
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01-05-2023
Manu and Shatarupa start penance
मनु और शतरूपा का तप प्रारंभ (चौपाई)करहिं अहार साक फल कंदा । सुमिरहिं ब्रह्म सच्चिदानंदा ॥पुनि हरि हेतु करन तप लागे । बारि अधार मूल फल त्यागे ॥१॥ उर...
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01-05-2023
God appear before Manu and Shatarupa
तपश्चर्या से प्रसन्न होकर प्रभु वर मागने को कहते है (चौपाई)बरष सहस दस त्यागेउ सोऊ । ठाढ़े रहे एक पद दोऊ ॥बिधि हरि तप देखि अपारा । मनु समीप आए बहु बा...
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01-05-2023
Divine vision of Lord
प्रभु के स्वरूप का वर्णन (चौपाई)सुनु सेवक सुरतरु सुरधेनु । बिधि हरि हर बंदित पद रेनू ॥सेवत सुलभ सकल सुख दायक । प्रनतपाल सचराचर नायक ॥१॥ जौं अनाथ हि...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 147
प्रभु के स्वरूप का वर्णन (चौपाई)सरद मयंक बदन छबि सींवा । चारु कपोल चिबुक दर ग्रीवा ॥अधर अरुन रद सुंदर नासा । बिधु कर निकर बिनिंदक हासा ॥१॥ नव अबुंज...
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