Ram’s coronation disastrous for Kaikeyi – Manthara
By-Gujju01-05-2023
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Ram’s coronation disastrous for Kaikeyi – Manthara
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राम के गादीनशिन होने से कैकेयी को खतरा – मंथरा
भावी बस प्रतीति उर आई । पूँछ रानि पुनि सपथ देवाई ॥
का पूछहुँ तुम्ह अबहुँ न जाना । निज हित अनहित पस हिचाना ॥ १ ॥
भयउ पाखु दिन सजत समाजू । तुम्ह पाई सुधि मोहि सन आजू ॥
खाइअ पहिरिअ राज तुम्हारें । सत्य कहें नहिं दोषु हमारें ॥२॥
जौं असत्य कछु कहब बनाई । तौ बिधि देइहि हमहि सजाई ॥
रामहि तिलक कालि जौं भयऊ । तुम्ह कहुँ बिपति बीजु बिधि बयऊ ॥३॥
रेख खँचाइ कहउँ बलु भाषी । भामिनि भइहु दूध कइ माखी ॥
जौं सुत सहित करहु सेवकाई । तौ घर रहहु न आन उपाई ॥४॥
(दोहा)
कद्रूँ बिनतहि दीन्ह दुखु तुम्हहि कौसिलाँ देब ।
भरतु बंदिगृह सेइहहिं लखनु राम के नेब ॥ १९ ॥