Saturday, 23 November, 2024

Ram’s vow to kill troubling demons

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Ram’s vow to kill troubling demons

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त्रासदायी असुरों का संहार करने की राम की प्रतिज्ञा 
 
अस कहि जोग अगिनि तनु जारा । राम कृपाँ बैकुंठ सिधारा ॥
ताते मुनि हरि लीन न भयऊ । प्रथमहिं भेद भगति बर लयऊ ॥१॥
 
रिषि निकाय मुनिबर गति देखि । सुखी भए निज हृदयँ बिसेषी ॥
अस्तुति करहिं सकल मुनि बृंदा । जयति प्रनत हित करुना कंदा ॥२॥
 
पुनि रघुनाथ चले बन आगे । मुनिबर बृंद बिपुल सँग लागे ॥
अस्थि समूह देखि रघुराया । पूछी मुनिन्ह लागि अति दाया ॥३॥
 
जानतहुँ पूछिअ कस स्वामी । सबदरसी तुम्ह अंतरजामी ॥
निसिचर निकर सकल मुनि खाए । सुनि रघुबीर नयन जल छाए ॥४॥
 
(दोहा) 
निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह ।
सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाइ जाइ सुख दीन्ह ॥ ९ ॥

 

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