Salutation to saints
By-Gujju01-05-2023
Salutation to saints
By Gujju01-05-2023
संत वंदना
(चौपाई)
गुरु पद रज मृदु मंजुल अंजन । नयन अमिअ दृग दोष बिभंजन ॥
तेहिं करि बिमल बिबेक बिलोचन । बरनउँ राम चरित भव मोचन ॥१॥
बंदउँ प्रथम महीसुर चरना । मोह जनित संसय सब हरना ॥
सुजन समाज सकल गुन खानी । करउँ प्रनाम सप्रेम सुबानी ॥२॥
साधु चरित सुभ चरित कपासू । निरस बिसद गुनमय फल जासू ॥
जो सहि दुख परछिद्र दुरावा । बंदनीय जेहिं जग जस पावा ॥३॥
मुद मंगलमय संत समाजू । जो जग जंगम तीरथराजू ॥
राम भक्ति जहँ सुरसरि धारा । सरसइ ब्रह्म बिचार प्रचारा ॥४॥
बिधि निषेधमय कलि मल हरनी । करम कथा रबिनंदनि बरनी ॥
हरि हर कथा बिराजति बेनी । सुनत सकल मुद मंगल देनी ॥५॥
बटु बिस्वास अचल निज धरमा । तीरथराज समाज सुकरमा ॥
सबहिं सुलभ सब दिन सब देसा । सेवत सादर समन कलेसा ॥६॥
अकथ अलौकिक तीरथराऊ । देइ सद्य फल प्रगट प्रभाऊ ॥७॥
(दोहा)
सुनि समुझहिं जन मुदित मन मज्जहिं अति अनुराग ।
लहहिं चारि फल अछत तनु साधु समाज प्रयाग ॥२॥