Sita ready to face any hardships
By-Gujju01-05-2023
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Sita ready to face any hardships
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विपत्ति में राम के साथ जाने के लिए सीता तैयार
बनदेवीं बनदेव उदारा । करिहहिं सासु ससुर सम सारा ॥
कुस किसलय साथरी सुहाई । प्रभु सँग मंजु मनोज तुराई ॥१॥
कंद मूल फल अमिअ अहारू । अवध सौध सत सरिस पहारू ॥
छिनु छिनु प्रभु पद कमल बिलोकि ।रहिहउँ मुदित दिवस जिमि कोकी ॥२॥
बन दुख नाथ कहे बहुतेरे । भय बिषाद परिताप घनेरे ॥
प्रभु बियोग लवलेस समाना । सब मिलि होहिं न कृपानिधाना ॥३॥
अस जियँ जानि सुजान सिरोमनि । लेइअ संग मोहि छाड़िअ जनि ॥
बिनती बहुत करौं का स्वामी । करुनामय उर अंतरजामी ॥४॥
(दोहा)
राखिअ अवध जो अवधि लगि रहत न जनिअहिं प्रान ।
दीनबंधु संदर सुखद सील सनेह निधान ॥ ६६ ॥