Vasistha leave decision on Ram
By-Gujju01-05-2023
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राम का निर्णय सर्वमान्य – कुलगुरू वशिष्ठ
बोले मुनिबरु समय समाना । सुनहु सभासद भरत सुजाना ॥
धरम धुरीन भानुकुल भानू । राजा रामु स्वबस भगवानू ॥१॥
सत्यसंध पालक श्रुति सेतू । राम जनमु जग मंगल हेतू ॥
गुर पितु मातु बचन अनुसारी । खल दलु दलन देव हितकारी ॥२॥
नीति प्रीति परमारथ स्वारथु । कोउ न राम सम जान जथारथु ॥
बिधि हरि हरु ससि रबि दिसिपाला । माया जीव करम कुलि काला ॥३॥
अहिप महिप जहँ लगि प्रभुताई । जोग सिद्धि निगमागम गाई ॥
करि बिचार जिँयँ देखहु नीकें । राम रजाइ सीस सबही कें ॥४॥
(दोहा)
राखें राम रजाइ रुख हम सब कर हित होइ ।
समुझि सयाने करहु अब सब मिलि संमत सोइ ॥ २५४ ॥