Saturday, 27 July, 2024

Bal Kand Doha 40

114 Views
Share :
Bal Kand  							Doha 40

Bal Kand Doha 40

114 Views

रामचरितमानस कथा की तुलना
 
(चौपाई)
रामभगति सुरसरितहि जाई । मिली सुकीरति सरजु सुहाई ॥
सानुज राम समर जसु पावन । मिलेउ महानदु सोन सुहावन ॥१॥
 
जुग बिच भगति देवधुनि धारा । सोहति सहित सुबिरति बिचारा ॥
त्रिबिध ताप त्रासक तिमुहानी । राम सरुप सिंधु समुहानी ॥२॥
 
मानस मूल मिली सुरसरिही । सुनत सुजन मन पावन करिही ॥
बिच बिच कथा बिचित्र बिभागा । जनु सरि तीर तीर बन बागा ॥३॥
 
उमा महेस बिबाह बराती । ते जलचर अगनित बहुभाँती ॥
रघुबर जनम अनंद बधाई । भवँर तरंग मनोहरताई ॥४॥
 
(दोहा)
बालचरित चहु बंधु के बनज बिपुल बहुरंग ।
नृप रानी परिजन सुकृत मधुकर बारिबिहंग ॥ ४० ॥

 

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *