Bhardwaj praise Bharat’s love for Ram
By-Gujju01-05-2023
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Bhardwaj praise Bharat’s love for Ram
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भरत के रामप्रेम की भारद्वाज मुनि ने प्रसंशा की
सो तुम्हार धनु जीवनु प्राना । भूरिभाग को तुम्हहि समाना ॥
यह तम्हार आचरजु न ताता । दसरथ सुअन राम प्रिय भ्राता ॥१॥
सुनहु भरत रघुबर मन माहीं । पेम पात्रु तुम्ह सम कोउ नाहीं ॥
लखन राम सीतहि अति प्रीती । निसि सब तुम्हहि सराहत बीती ॥२॥
जाना मरमु नहात प्रयागा । मगन होहिं तुम्हरें अनुरागा ॥
तुम्ह पर अस सनेहु रघुबर कें । सुख जीवन जग जस जड़ नर कें ॥३॥
यह न अधिक रघुबीर बड़ाई । प्रनत कुटुंब पाल रघुराई ॥
तुम्ह तौ भरत मोर मत एहू । धरें देह जनु राम सनेहू ॥४॥
(दोहा)
तुम्ह कहँ भरत कलंक यह हम सब कहँ उपदेसु ।
राम भगति रस सिद्धि हित भा यह समउ गनेसु ॥ २०८ ॥