Fulfill Dashrath’s vow – Vasistha tell Bharat
By-Gujju01-05-2023
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Fulfill Dashrath’s vow – Vasistha tell Bharat
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पिता के वचन का पालन करो – वशिष्ठ ने भरत को कहा
सब प्रकार भूपति बड़भागी । बादि बिषादु करिअ तेहि लागी ॥
यहु सुनि समुझि सोचु परिहरहू । सिर धरि राज रजायसु करहू ॥१॥
राँय राजपदु तुम्ह कहुँ दीन्हा । पिता बचनु फुर चाहिअ कीन्हा ॥
तजे रामु जेहिं बचनहि लागी । तनु परिहरेउ राम बिरहागी ॥२॥
नृपहि बचन प्रिय नहिं प्रिय प्राना । करहु तात पितु बचन प्रवाना ॥
करहु सीस धरि भूप रजाई । हइ तुम्ह कहँ सब भाँति भलाई ॥३॥
परसुराम पितु अग्या राखी । मारी मातु लोक सब साखी ॥
तनय जजातिहि जौबनु दयऊ । पितु अग्याँ अघ अजसु न भयऊ ॥४॥
(दोहा)
अनुचित उचित बिचारु तजि जे पालहिं पितु बैन ।
ते भाजन सुख सुजस के बसहिं अमरपति ऐन ॥ १७४ ॥