Pray to Bharat, Brihaspati tell Indra
By-Gujju01-05-2023
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Pray to Bharat, Brihaspati tell Indra
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बृहस्पति ने कहा, भरत से प्रार्थना करो
सीतापति सेवक सेवकाई । कामधेनु सय सरिस सुहाई ॥
भरत भगति तुम्हरें मन आई । तजहु सोचु बिधि बात बनाई ॥१॥
देखु देवपति भरत प्रभाऊ । सहज सुभायँ बिबस रघुराऊ ॥
मन थिर करहु देव डरु नाहीं । भरतहि जानि राम परिछाहीं ॥२॥
सुनो सुरगुर सुर संमत सोचू । अंतरजामी प्रभुहि सकोचू ॥
निज सिर भारु भरत जियँ जाना । करत कोटि बिधि उर अनुमाना ॥३॥
करि बिचारु मन दीन्ही ठीका । राम रजायस आपन नीका ॥
निज पन तजि राखेउ पनु मोरा । छोहु सनेहु कीन्ह नहिं थोरा ॥४॥
(दोहा)
कीन्ह अनुग्रह अमित अति सब बिधि सीतानाथ ।
करि प्रनामु बोले भरतु जोरि जलज जुग हाथ ॥ २६६ ॥