भरत अपनी व्यथा व्यक्त करता है मुनि समाजु अरु तीरथराजू । साँचिहुँ सपथ अघाइ अकाजू ॥ एहिं थल जौं किछु कहिअ बनाई । एहि सम अधिक न अघ अधमाई ॥१॥ तुम्ह सर्...
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અયોધ્યા કાંડ
01-05-2023
Bharat express his pain
01-05-2023
Bharat want Ram to return Ayodhya
भरत चाहता है की राम अयोध्या वापस चले सब कहुँ सुखद राम अभिषेकू । मंगल मोद मूल मग एकू ॥ केहि बिधि अवध चलहिं रघुराऊ । कहहु समुझि सोइ करिअ उपाऊ ॥१॥ सब ...
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01-05-2023
Bharat can stay in forest – Vasistha
राम की जगह भरत वन में रहे – वशिष्ठ का सुझाव तात बात फुरि राम कृपाहीं । राम बिमुख सिधि सपनेहुँ नाहीं ॥ सकुचउँ तात कहत एक बाता । अरध तजहिं बुध सरबस ज...
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01-05-2023
Sage Bhardwaj’s hospitality
भरद्वाज मुनि द्वारा रसाले का स्वागत सुनि मुनि बचन भरत हिँय सोचू । भयउ कुअवसर कठिन सँकोचू ॥ जानि गरुइ गुर गिरा बहोरी । चरन बंदि बोले कर जोरी ॥१॥ सिर...
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01-05-2023
Bharat ready to stay in forest forever
मै आजीवन वनवास के लिए राजी – भरत भरत बचन सुनि देखि सनेहू । सभा सहित मुनि भए बिदेहू ॥ भरत महा महिमा जलरासी । मुनि मति ठाढ़ि तीर अबला सी ॥१॥ गा ...
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01-05-2023
I will honour Vasistha’s decision – Ram
राम ने कहा, मैं वशिष्ठ की आज्ञा मानूँगा आरत कहहिं बिचारि न काऊ । सूझ जूआरिहि आपन दाऊ ॥ सुनि मुनि बचन कहत रघुराऊ । नाथ तुम्हारेहि हाथ उपाऊ ॥१॥ सब कर...
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01-05-2023
Listen Bharat’s proposal – Vasistha tell Ram
वशिष्ट ने राम को कहा, भरत का प्रस्ताव सुनो गुरु अनुराग भरत पर देखी । राम ह्दयँ आनंदु बिसेषी ॥ भरतहि धरम धुरंधर जानी । निज सेवक तन मानस बानी ॥१॥ बोल...
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01-05-2023
Bharat stay away from luxary
भरत ने भोगपदार्थ ग्रहण नहीं किये मुनि प्रभाउ जब भरत बिलोका । सब लघु लगे लोकपति लोका ॥ सुख समाजु नहिं जाइ बखानी । देखत बिरति बिसारहीं ग्यानी ॥१॥ आस...
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01-05-2023
Bharat sing Ram’s glory
भरत ने राम के गुणानुवाद किये सुनि मुनि बचन राम रुख पाई । गुरु साहिब अनुकूल अघाई ॥ लखि अपने सिर सबु छरु भारू । कहि न सकहिं कछु करहिं बिचारू ॥१॥ पुलक...
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01-05-2023
Bharat leave for Chitrakoot
भरत चित्रकूट की ओर चले कीन्ह निमज्जनु तीरथराजा । नाइ मुनिहि सिरु सहित समाजा ॥ रिषि आयसु असीस सिर राखी । करि दंडवत बिनय बहु भाषी ॥१॥ पथ गति कुसल सा...
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01-05-2023
I’m root of all trouble – Bharat
मैं ही सर्व अनर्थो का मूल हूँ – भरत बिधि न सकेउ सहि मोर दुलारा । नीच बीचु जननी मिस पारा ॥ यहउ कहत मोहि आजु न सोभा । अपनीं समुझि साधु सुचि को ...
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01-05-2023
Ram adore Bharat’s devotion
श्रीराम भरत की प्रसंशा करते है सुनि अति बिकल भरत बर बानी । आरति प्रीति बिनय नय सानी ॥ सोक मगन सब सभाँ खभारू । मनहुँ कमल बन परेउ तुसारू ॥१॥ कहि अनेक...
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