भरत को अपशुकन हुए चले समीर बेग हय हाँके । नाघत सरित सैल बन बाँके ॥ हृदयँ सोचु बड़ कछु न सोहाई । अस जानहिं जियँ जाउँ उड़ाई ॥१॥ एक निमेष बरस सम जाई । ए...
આગળ વાંચો
અયોધ્યા કાંડ
01-05-2023
Bharat see ominous signs
01-05-2023
Manthara show the way to escape misery
मंथरा कैकेयी को हालात से निकलने का मार्ग बताती है नैहर जनमु भरब बरु जाइ । जिअत न करबि सवति सेवकाई ॥ अरि बस दैउ जिआवत जाही । मरनु नीक तेहि जीवन च...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
People of Chitrakoot happy
चित्रकूट के लोग प्रसन्न धन्य भूमि बन पंथ पहारा । जहँ जहँ नाथ पाउ तुम्ह धारा ॥ धन्य बिहग मृग काननचारी । सफल जनम भए तुम्हहि निहारी ॥१॥ हम सब धन्य सहि...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Bharat reach Ayodhya
भरत अयोध्या पहूँचा हाट बाट नहिं जाइ निहारी । जनु पुर दहँ दिसि लागि दवारी ॥ आवत सुत सुनि कैकयनंदिनि । हरषी रबिकुल जलरुह चंदिनि ॥१॥ सजि आरती मुदित उठ...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Effect on nature
श्रीराम के आगमन से प्रकृति प्रसन्न रामहि केवल प्रेमु पिआरा । जानि लेउ जो जाननिहारा ॥ राम सकल बनचर तब तोषे । कहि मृदु बचन प्रेम परिपोषे ॥१॥ बिदा किए...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Kaikeyi update Bharat on happenings
कैकेयी ने भरत को घटनाक्रम से माहितगार किया तात बात मैं सकल सँवारी । भै मंथरा सहाय बिचारी ॥ कछुक काज बिधि बीच बिगारेउ । भूपति सुरपति पुर पगु धारेउ ॥...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Bharat condemn Kaikeyi’s stand
भरत ने कैकेयी को झाडा बिकल बिलोकि सुतहि समुझावति । मनहुँ जरे पर लोनु लगावति ॥ तात राउ नहिं सोचे जोगू । बिढ़इ सुकृत जसु कीन्हेउ भोगू ॥१॥ जीवत सकल जनम...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Bharat rebuke Kaikeyi
भरत ने कैकेयी को झाडा जब तैं कुमति कुमत जियँ ठयऊ । खंड खंड होइ ह्रदउ न गयऊ ॥ बर मागत मन भइ नहिं पीरा । गरि न जीह मुहँ परेउ न कीरा ॥१॥ भूपँ प्रतीत ...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Sita like Chitrakoot
सीता को चित्रकूट पसंद आया राम संग सिय रहति सुखारी । पुर परिजन गृह सुरति बिसारी ॥ छिनु छिनु पिय बिधु बदनु निहारी । प्रमुदित मनहुँ चकोरकुमारी ॥१॥ नाह...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Kaikeyi enter kop-bhavan
कैकेयी कोपभुवन में गई कुबरिहि रानि प्रानप्रिय जानी । बार बार बड़ि बुद्धि बखानी ॥ तोहि सम हित न मोर संसारा । बहे जात कइ भइसि अधारा ॥१॥ जौं बिधि पु...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Dashrath hurt at the sight of Ram, Sita and Laxman
राम, सीता और लक्ष्मण को देखकर दशरथ व्यथित सकइ न बोलि बिकल नरनाहू । सोक जनित उर दारुन दाहू ॥ नाइ सीसु पद अति अनुरागा । उठि रघुबीर बिदा तब मागा ॥१॥ प...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો
01-05-2023
Sumitra give her consent
राम के साथ वन में जाने के लिए सुमित्रा की अनुमति धीरजु धरेउ कुअवसर जानी । सहज सुह्द बोली मृदु बानी ॥ तात तुम्हारि मातु बैदेही । पिता रामु सब ...
આગળ વાંચો
આગળ વાંચો