मुकुट गिरने से रावण नहीं डरा कंप न भूमि न मरुत बिसेषा । अस्त्र सस्त्र कछु नयन न देखा ॥सोचहिं सब निज हृदय मझारी । असगुन भयउ भयंकर भारी ॥१॥ दसमुख देख...
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લંકા કાંડ
01-05-2023
Ravan not worried
01-05-2023
Mandodari plead to Ravan
मंदोदरी रावण को फिर समजाती है पद पाताल सीस अज धामा । अपर लोक अँग अँग बिश्रामा ॥भृकुटि बिलास भयंकर काला । नयन दिवाकर कच घन माला ॥१॥ जासु घ्रान अस्वि...
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01-05-2023
Ravan laugh at Mandodari’s advise
रावण ने मंदोदरी की बात ठुकराई बिहँसा नारि बचन सुनि काना । अहो मोह महिमा बलवाना ॥नारि सुभाउ सत्य सब कहहीं । अवगुन आठ सदा उर रहहीं ॥१॥ साहस अनृत चपलत...
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01-05-2023
Jamvant advise Ram to send an envoy
जामवंत ने रावण के पास दूत भेजने की सलाह दी इहाँ प्रात जागे रघुराई । पूछा मत सब सचिव बोलाई ॥ कहहु बेगि का करिअ उपाई । जामवंत कह पद सिरु नाई ॥१॥ सुनु...
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01-05-2023
Ram send Angad as his envoy
श्रीराम का दूत बनकर अंगद रावण के पास गया बंदि चरन उर धरि प्रभुताई । अंगद चलेउ सबहि सिरु नाई ॥प्रभु प्रताप उर सहज असंका । रन बाँकुरा बालिसुत बंका ॥१...
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01-05-2023
Angada reach Ravan’s court
अंगद रामदूत बनकर रावण की सभा में गया तुरत निसाचर एक पठावा । समाचार रावनहि जनावा ॥सुनत बिहँसि बोला दससीसा । आनहु बोलि कहाँ कर कीसा ॥१॥ आयसु पाइ दूत ...
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01-05-2023
Dialogue between Ravan and Angad
अंगद और रावण का संवाद कह दसकंठ कवन तैं बंदर । मैं रघुबीर दूत दसकंधर ॥ मम जनकहि तोहि रही मिताई । तव हित कारन आयउँ भाई ॥१॥ उत्तम कुल पुलस्ति कर नाती ...
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01-05-2023
Angad give his introduction
अंगद और रावण का संवाद रे कपिपोत बोलु संभारी । मूढ़ न जानेहि मोहि सुरारी ॥ कहु निज नाम जनक कर भाई । केहि नातें मानिऐ मिताई ॥१॥ अंगद नाम बालि कर बेटा ...
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01-05-2023
Dialogue between Angad and Ravan continue
अंगद और रावण का संवाद सिव बिरंचि सुर मुनि समुदाई । चाहत जासु चरन सेवकाई ॥तासु दूत होइ हम कुल बोरा । अइसिहुँ मति उर बिहर न तोरा ॥१॥ सुनि कठोर बानी क...
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01-05-2023
Lanka Kand Doha 23
अंगद और रावण का संवाद तुम्हरे कटक माझ सुनु अंगद । मो सन भिरिहि कवन जोधा बद ॥ तव प्रभु नारि बिरहँ बलहीना । अनुज तासु दुख दुखी मलीना ॥१॥ तुम्ह सुग्री...
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01-05-2023
Lanka Kand Doha 24
अंगद और रावण का संवाद धन्य कीस जो निज प्रभु काजा । जहँ तहँ नाचइ परिहरि लाजा ॥नाचि कूदि करि लोग रिझाई । पति हित करइ धर्म निपुनाई ॥१॥ अंगद स्वामिभक्त...
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01-05-2023
Lanka Kand Doha 25
अंगद और रावण का संवाद सुनु सठ सोइ रावन बलसीला । हरगिरि जान जासु भुज लीला ॥ जान उमापति जासु सुराई । पूजेउँ जेहि सिर सुमन चढ़ाई ॥१॥ सिर सरोज निज करन्ह...
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