राम पुनः सीता को वनजीवन की कठिनता बताते है मैं पुनि करि प्रवान पितु बानी । बेगि फिरब सुनु सुमुखि सयानी ॥ दिवस जात नहिं लागिहि बारा । सुंदरि सि...
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રામાયણ
01-05-2023
Ram reiterate hardships to Sita
01-05-2023
Laxman pacify Guha
लक्ष्मण गुह को समझाता है भइ दिनकर कुल बिटप कुठारी । कुमति कीन्ह सब बिस्व दुखारी ॥ भयउ बिषादु निषादहि भारी । राम सीय महि सयन निहारी ॥१॥ बोले लखन मधु...
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01-05-2023
Ram ask Sita to reconsider her stand
राम सीता को अपनी सलाह मान लेने को कहते है नर अहार रजनीचर चरहीं । कपट बेष बिधि कोटिक करहीं ॥ लागइ अति पहार कर पानी । बिपिन बिपति नहिं जाइ बखानी...
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01-05-2023
Sita remain adamant
सीता राम के साथ जाना चाहती है सुनि मृदु बचन मनोहर पिय के । लोचन ललित भरे जल सिय के ॥ सीतल सिख दाहक भइ कैंसें । चकइहि सरद चंद निसि जैंसें ॥१॥ उ...
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01-05-2023
Laxman’s thinking
लक्ष्मण के विचार अस बिचारि नहिं कीजा रोसू । काहुहि बादि न देइअ दोसू ॥ मोह निसाँ सबु सोवनिहारा । देखिअ सपन अनेक प्रकारा ॥१॥ एहिं जग जामिनि जागहिं जो...
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01-05-2023
Dwell in your devotees’ heart, Sage tell Ram
अपने भक्तों के हृदय में निवास करो, वाल्मिकी ने कहा सुनि मुनि बचन प्रेम रस साने । सकुचि राम मन महुँ मुसुकाने ॥ बालमीकि हँसि कहहिं बहोरी । बानी मधुर ...
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01-05-2023
An ideal devotee
आदर्श भक्त का रेखाचित्र प्रभु प्रसाद सुचि सुभग सुबासा । सादर जासु लहइ नित नासा ॥ तुम्हहि निबेदित भोजन करहीं । प्रभु प्रसाद पट भूषन धरहीं ॥१॥ सीस नव...
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27-04-2023
Ram kill Maricha, the golden deer
राम ने सुवर्णमृग वेशधारी मारीच का नाश किया तेहि बन निकट दसानन गयऊ । तब मारीच कपटमृग भयऊ ॥ अति बिचित्र कछु बरनि न जाई । कनक देह मनि रचित बनाई ॥१॥ सी...
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27-04-2023
Laxman leave Sita alone to help Ram, Ravan abduct Sita
राम की सहायता के लिए लक्ष्मण वन गये, रावण ने सीता का हरण किया खल बधि तुरत फिरे रघुबीरा । सोह चाप कर कटि तूनीरा ॥ आरत गिरा सुनी जब सीता । कह लछिमन स...
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27-04-2023
Jatayu’s valiant attempt to rescue Sita
रावण से लडते हुए जटायु घायल हुआ हा जग एक बीर रघुराया । केहिं अपराध बिसारेहु दाया ॥ आरति हरन सरन सुखदायक । हा रघुकुल सरोज दिननायक ॥१॥ हा लछिमन तुम्ह...
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01-05-2023
Sumantra find Dashratha comatose
सुमंत्र ने महाराजा दशरथ को मूर्छित देखा पछिले पहर भूपु नित जागा । आजु हमहि बड़ अचरजु लागा ॥ जाहु सुमंत्र जगावहु जाई । कीजिअ काजु रजायसु पाई ॥१॥ ग...
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27-04-2023
Ram cry at Sita’s absence in Panchvati
पंचवटी में सीता को न देखकर राम शोकमग्न रघुपति अनुजहि आवत देखी । बाहिज चिंता कीन्हि बिसेषी ॥ जनकसुता परिहरिहु अकेली । आयहु तात बचन मम पेली ॥१॥ निसिच...
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