त्रासदायी असुरों का संहार करने की राम की प्रतिज्ञा अस कहि जोग अगिनि तनु जारा । राम कृपाँ बैकुंठ सिधारा ॥ ताते मुनि हरि लीन न भयऊ । प्रथमहिं भेद भ...
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રામાયણ
27-04-2023
Ram’s vow to kill troubling demons
01-05-2023
Ram tell Guha to return home
राम ने निषादराज गुह को वापिस लौटने को कहा गंग बचन सुनि मंगल मूला । मुदित सीय सुरसरि अनुकुला ॥ तब प्रभु गुहहि कहेउ घर जाहू । सुनत सूख मुखु भा उर दाह...
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27-04-2023
Sage Sutikshna welcome Ram
सुतीक्ष्ण मुनि द्वारा श्रीराम का स्वागत मुनि अगस्ति कर सिष्य सुजाना । नाम सुतीछन रति भगवाना ॥ मन क्रम बचन राम पद सेवक । सपनेहुँ आन भरोस न देवक ॥१...
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27-04-2023
Sage Sutikshna sing Ram’s glory
सुतीक्ष्ण मुनि द्वारा श्रीराम की वंदना कह मुनि प्रभु सुनु बिनती मोरी । अस्तुति करौं कवन बिधि तोरी ॥ महिमा अमित मोरि मति थोरी । रबि सन्मुख खद्योत ...
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01-05-2023
People salute Bharat
लोगों द्वारा भरत की प्रसंशा भायप भगति भरत आचरनू । कहत सुनत दुख दूषन हरनू ॥ जो कछु कहब थोर सखि सोई । राम बंधु अस काहे न होई ॥१॥ हम सब सानुज भरतहि द...
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01-05-2023
Ram reach place of confluence
श्रीराम संगमस्थान पहूँचे तेहि दिन भयउ बिटप तर बासू । लखन सखाँ सब कीन्ह सुपासू ॥ प्रात प्रातकृत करि रधुसाई । तीरथराजु दीख प्रभु जाई ॥१॥ सचिव सत्य श्...
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01-05-2023
Bharat recite Ram’s name en route
रामनाम सुमिरन करते हुए भरत आगे चले निज गुन सहित राम गुन गाथा । सुनत जाहिं सुमिरत रघुनाथा ॥तीरथ मुनि आश्रम सुरधामा । निरखि निमज्जहिं करहिं प्रनामा ...
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27-04-2023
Agatsya recommend Panchvati for Ram
श्रीराम के निवास हेतु पंचवटी उचित तब रघुबीर कहा मुनि पाहीं। तुम्ह सन प्रभु दुराव कछु नाही ॥ तुम्ह जानहु जेहि कारन आयउँ। ताते तात न कहि समुझायउँ ॥...
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01-05-2023
Bharat reach Chitrakoot
भरत चित्रकूट पहूँचे मंगल सगुन होहिं सब काहू । फरकहिं सुखद बिलोचन बाहू ॥ भरतहि सहित समाज उछाहू । मिलिहहिं रामु मिटहि दुख दाहू ॥१॥ करत मनोरथ जस जियँ...
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27-04-2023
Ram settle at Panchvati
श्रीराम पंचवटी मे निवास करने लगे जब ते राम कीन्ह तहँ बासा । सुखी भए मुनि बीती त्रासा ॥ गिरि बन नदीं ताल छबि छाए । दिन दिन प्रति अति हौहिं सुहाए ॥...
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27-04-2023
Ram’s sermon to Laxman
श्रीराम लक्ष्मण को बोध प्रदान करते है थोरेहि महँ सब कहउँ बुझाई । सुनहु तात मति मन चित लाई ॥ मैं अरु मोर तोर तैं माया । जेहिं बस कीन्हे जीव निकाया...
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01-05-2023
Ram reach Sage Bhardwaj’s ashram
श्रीराम भरद्वाज मुनि के आश्रम पहूँचे को कहि सकइ प्रयाग प्रभाऊ । कलुष पुंज कुंजर मृगराऊ ॥ अस तीरथपति देखि सुहावा । सुख सागर रघुबर सुखु पावा ॥१॥ कहि ...
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