Saturday, 27 July, 2024

Sage show a way to appease Brahmins

70 Views
Share :
Sage show a way to appease Brahmins

Sage show a way to appease Brahmins

70 Views

साधु ब्राह्मणो को प्रसन्न करने का रास्ता बताता है
 
(चौपाई)
सुनु नृप बिबिध जतन जग माहीं । कष्टसाध्य पुनि होहिं कि नाहीं ॥
अहइ एक अति सुगम उपाई । तहाँ परंतु एक कठिनाई ॥१॥

मम आधीन जुगुति नृप सोई । मोर जाब तव नगर न होई ॥
आजु लगें अरु जब तें भयऊँ । काहू के गृह ग्राम न गयऊँ ॥२॥

जौं न जाउँ तव होइ अकाजू । बना आइ असमंजस आजू ॥
सुनि महीस बोलेउ मृदु बानी । नाथ निगम असि नीति बखानी ॥३॥

बड़े सनेह लघुन्ह पर करहीं । गिरि निज सिरनि सदा तृन धरहीं ॥
जलधि अगाध मौलि बह फेनू । संतत धरनि धरत सिर रेनू ॥४॥

(दोहा)
अस कहि गहे नरेस पद स्वामी होहु कृपाल ।
मोहि लागि दुख सहिअ प्रभु सज्जन दीनदयाल ॥ १६७ ॥

 

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *