Sage Valmiki welcome Ram
By-Gujju01-05-2023
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वाल्मिकी मुनी द्वारा राम का स्वागत
मुनि कहुँ राम दंडवत कीन्हा । आसिरबादु बिप्रबर दीन्हा ॥
देखि राम छबि नयन जुड़ाने । करि सनमानु आश्रमहिं आने ॥१॥
मुनिबर अतिथि प्रानप्रिय पाए । कंद मूल फल मधुर मगाए ॥
सिय सौमित्रि राम फल खाए । तब मुनि आश्रम दिए सुहाए ॥२॥
बालमीकि मन आनँदु भारी । मंगल मूरति नयन निहारी ॥
तब कर कमल जोरि रघुराई । बोले बचन श्रवन सुखदाई ॥३॥
तुम्ह त्रिकाल दरसी मुनिनाथा । बिस्व बदर जिमि तुम्हरें हाथा ॥
अस कहि प्रभु सब कथा बखानी । जेहि जेहि भाँति दीन्ह बनु रानी ॥४॥
(दोहा)
तात बचन पुनि मातु हित भाइ भरत अस राउ ।
मो कहुँ दरस तुम्हार प्रभु सबु मम पुन्य प्रभाउ ॥ १२५ ॥