Saturday, 27 July, 2024

Bal Kand Doha 215

102 Views
Share :
Bal Kand  							Doha 215

Bal Kand Doha 215

102 Views

महाराजा जनक द्वारा विश्वामित्र का स्वागत
 
(चौपाई)
कीन्ह प्रनामु चरन धरि माथा । दीन्हि असीस मुदित मुनिनाथा ॥
बिप्रबृंद सब सादर बंदे । जानि भाग्य बड़ राउ अनंदे ॥१॥

कुसल प्रस्न कहि बारहिं बारा । बिस्वामित्र नृपहि बैठारा ॥
तेहि अवसर आए दोउ भाई । गए रहे देखन फुलवाई ॥२॥

स्याम गौर मृदु बयस किसोरा । लोचन सुखद बिस्व चित चोरा ॥
उठे सकल जब रघुपति आए । बिस्वामित्र निकट बैठाए ॥३॥

भए सब सुखी देखि दोउ भ्राता । बारि बिलोचन पुलकित गाता ॥
मूरति मधुर मनोहर देखी । भयउ बिदेहु बिदेहु बिसेषी ॥४॥

(दोहा)
प्रेम मगन मनु जानि नृपु करि बिबेकु धरि धीर ।
बोलेउ मुनि पद नाइ सिरु गदगद गिरा गभीर ॥ २१५ ॥

 

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *