Guha encourage Bharat
By-Gujju01-05-2023
88 Views
![Guha encourage Bharat](https://gujjuplanet.com/app/themes/twentytwentyone-child-new/images/not-found.png)
Guha encourage Bharat
By Gujju01-05-2023
88 Views
गुह ने भरत को होंसला दिया
जौं परिहरहिं मलिन मनु जानी । जौ सनमानहिं सेवकु मानी ॥
मोरें सरन रामहि की पनही । राम सुस्वामि दोसु सब जनही ॥१॥
जग जस भाजन चातक मीना । नेम पेम निज निपुन नबीना ॥
अस मन गुनत चले मग जाता । सकुच सनेहँ सिथिल सब गाता ॥२॥
फेरत मनहुँ मातु कृत खोरी । चलत भगति बल धीरज धोरी ॥
जब समुझत रघुनाथ सुभाऊ । तब पथ परत उताइल पाऊ ॥३॥
भरत दसा तेहि अवसर कैसी । जल प्रबाहँ जल अलि गति जैसी ॥
देखि भरत कर सोचु सनेहू । भा निषाद तेहि समयँ बिदेहू ॥४॥
(दोहा)
लगे होन मंगल सगुन सुनि गुनि कहत निषादु ।
मिटिहि सोचु होइहि हरषु पुनि परिनाम बिषादु ॥ २३४ ॥