Ram tell Guha to return home
By-Gujju01-05-2023
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राम ने निषादराज गुह को वापिस लौटने को कहा
गंग बचन सुनि मंगल मूला । मुदित सीय सुरसरि अनुकुला ॥
तब प्रभु गुहहि कहेउ घर जाहू । सुनत सूख मुखु भा उर दाहू ॥१॥
दीन बचन गुह कह कर जोरी । बिनय सुनहु रघुकुलमनि मोरी ॥
नाथ साथ रहि पंथु देखाई । करि दिन चारि चरन सेवकाई ॥२॥
जेहिं बन जाइ रहब रघुराई । परनकुटी मैं करबि सुहाई ॥
तब मोहि कहँ जसि देब रजाई । सोइ करिहउँ रघुबीर दोहाई ॥३॥
सहज सनेह राम लखि तासु । संग लीन्ह गुह हृदय हुलासू ॥
पुनि गुहँ ग्याति बोलि सब लीन्हे । करि परितोषु बिदा तब कीन्हे ॥४॥
(दोहा)
तब गनपति सिव सुमिरि प्रभु नाइ सुरसरिहि माथ ।
सखा अनुज सिया सहित बन गवनु कीन्ह रधुनाथ ॥ १०४ ॥