महाराजा दशरथ कैकेयी को नाराजगी की वजह पूछते है अनहित तोर प्रिया केइँ कीन्हा । केहि दुइ सिर केहि जमु चह लीन्हा ॥ कहु केहि रंकहि करौ नरेसू । कहु क...
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રામાયણ
01-05-2023
Dashratha ask Kaikeyi what’s wrong
27-04-2023
Ram kill Khar-Dushan
श्रीराम द्वारा खर-दूषण का संहार (छंद) तब चले जान बबान कराल । फुंकरत जनु बहु ब्याल ॥कोपेउ समर श्रीराम । चले बिसिख निसित निकाम ॥ अवलोकि खरतर तीर । म...
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01-05-2023
Kaushalya embrace Ram
कौशल्या ने भरत को गले लगाया राम प्रानहु तें प्रान तुम्हारे । तुम्ह रघुपतिहि प्रानहु तें प्यारे ॥ बिधु बिष चवै स्त्रवै हिमु आगी । होइ बारिचर बारि बि...
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27-04-2023
Shurpankha complain in Ravana’s court
शूर्पणखा ने रावण से फरियाद की जब रघुनाथ समर रिपु जीते । सुर नर मुनि सब के भय बीते ॥ तब लछिमन सीतहि लै आए । प्रभु पद परत हरषि उर लाए ॥१॥ सीता चितव ...
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27-04-2023
Shurpankha give detail about Ram and Laxman
शूर्पणखा ने रावण को राम और लक्ष्मण के बारे में बताती है सुनत सभासद उठे अकुलाई । समुझाई गहि बाहँ उठाई ॥ कह लंकेस कहसि निज बाता । केँइँ तव नासा कान न...
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27-04-2023
Ravan meet Maricha
रावण गया मारीच को मिलने सुर नर असुर नाग खग माहीं । मोरे अनुचर कहँ कोउ नाहीं ॥खर दूषन मोहि सम बलवंता । तिन्हहि को मारइ बिनु भगवंता ॥१॥ सुर रंजन भंजन...
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27-04-2023
Maricha inquire about purpose of visit
मारीच ने रावण के आने का कारण पूछा सुनहु प्रिया ब्रत रुचिर सुसीला । मैं कछु करबि ललित नरलीला ॥ तुम्ह पावक महुँ करहु निवासा । जौ लगि करौं निसाचर नासा...
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01-05-2023
Dashratha try to pamper Kaikeyi
महाराजा दशरथ कैकेयी को मनाने का प्रयत्न करते है पुनि कह राउ सुह्रद जियँ जानी । प्रेम पुलकि मृदु मंजुल बानी ॥ भामिनि भयउ तोर मनभावा । घर घर नगर अ...
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01-05-2023
Vasistha call meeting for future action
चर्चा के लिए वशिष्ठ ने सभा बुलाइ पितु हित भरत कीन्हि जसि करनी । सो मुख लाख जाइ नहिं बरनी ॥ सुदिनु सोधि मुनिबर तब आए । सचिव महाजन सकल बोलाए ॥१॥ बैठे...
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01-05-2023
Who is worth lamentation ?
क्या शोक करने लायक ? अस बिचारि केहि देइअ दोसू । ब्यरथ काहि पर कीजिअ रोसू ॥ तात बिचारु केहि करहु मन माहीं । सोच जोगु दसरथु नृपु नाहीं ॥१॥ सोचिअ बिप्...
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27-04-2023
Maricha advise Ravana
मारीच ने रावण को समजाया दसमुख सकल कथा तेहि आगें । कही सहित अभिमान अभागें ॥ होहु कपट मृग तुम्ह छलकारी । जेहि बिधि हरि आनौ नृपनारी ॥१॥ तेहिं पुनि कहा...
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27-04-2023
Maricha agree to help Ravan
रावण को सहयोग देने के लिए मारीच संमत जाहु भवन कुल कुसल बिचारी । सुनत जरा दीन्हिसि बहु गारी ॥ गुरु जिमि मूढ़ करसि मम बोधा । कहु जग मोहि समान को जोधा ...
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