श्रीराम ने माया हटाई, काकभुशुंडी का संशय मिटा देखि चरित यह सो प्रभुताई । समुझत देह दसा बिसराई ॥ धरनि परेउँ मुख आव न बाता । त्राहि त्राहि आरत जन त्र...
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ઉત્તર કાંડ
01-05-2023
Ram unfold his maya to remove doubt
01-05-2023
Kakbhushundi ask Ram to grant complete devotion
काकभुशुंडी ने श्रीराम से अविचल भक्ति माँगी ग्यान बिबेक बिरति बिग्याना । मुनि दुर्लभ गुन जे जग नाना ॥ आजु देउँ सब संसय नाहीं । मागु जो तोहि भाव मन म...
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01-05-2023
Maya won’t affect you, Ram bless Kakbhushundi
माया का प्रभाव नहीं होगा, श्रीराम ने काकभुशुंडी को वर दिया एवमस्तु कहि रघुकुलनायक । बोले बचन परम सुखदायक ॥ सुनु बायस तैं सहज सयाना । काहे न मागसि अ...
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01-05-2023
Kakbhushundi sing the glory of devotion
काकभुशुंडी भक्ति के महिमा का गान करते है अब सुनु परम बिमल मम बानी । सत्य सुगम निगमादि बखानी ॥ निज सिद्धांत सुनावउँ तोही । सुनु मन धरु सब तजि भजु मो...
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01-05-2023
The glory of devotion
भक्ति का महिमा एक पिता के बिपुल कुमारा । होहिं पृथक गुन सील अचारा ॥ कोउ पंडिंत कोउ तापस ग्याता । कोउ धनवंत सूर कोउ दाता ॥१॥ कोउ सर्बग्य धर्मरत कोई ...
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01-05-2023
Ram’s divine play as a child
श्रीराम की बाल-लीलाएँ कबहूँ काल न ब्यापिहि तोही । सुमिरेसु भजेसु निरंतर मोही ॥ प्रभु बचनामृत सुनि न अघाऊँ । तनु पुलकित मन अति हरषाऊँ ॥१॥ सो सुख जान...
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01-05-2023
Self-experience remove doubts
स्वयं अनुभव होने पर संशय का निवारण होता है मैं पुनि अवध रहेउँ कछु काला । देखेउँ बालबिनोद रसाला ॥ राम प्रसाद भगति बर पायउँ । प्रभु पद बंदि निजाश्रम ...
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01-05-2023
Kakbhushundi recommend worship of Ram
श्रीराम की भक्ति का काकभुशुंडी का अनुरोध बिनु संतोष न काम नसाहीं । काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं ॥ राम भजन बिनु मिटहिं कि कामा । थल बिहीन तरु कबहुँ कि ...
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01-05-2023
It is impossible to fully comprehand Ram’s greatness
श्रीराम की महिमा अपरंपार है निज मति सरिस नाथ मैं गाई । प्रभु प्रताप महिमा खगराई ॥ कहेउँ न कछु करि जुगुति बिसेषी । यह सब मैं निज नयनन्हि देखी ॥१॥ मह...
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01-05-2023
Uttar Kand Doha 92
श्रीराम की महिमा अपरंपार है अगाध सत कोटि पताला । समन कोटि सत सरिस कराला ॥ तीरथ अमित कोटि सम पावन । नाम अखिल अघ पूग नसावन ॥१॥ हिमगिरि कोटि अचल रघुबी...
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01-05-2023
How Kakbhushundi end up in crow’s body
काकभुशुंडी की कहानी – कौआ कैसे हुआ तुम्ह सर्बग्य तन्य तम पारा । सुमति सुसील सरल आचारा ॥ ग्यान बिरति बिग्यान निवासा । रघुनायक के तुम्ह प्रिय दासा ॥१...
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01-05-2023
The story of Kakbhushundi
काकभुशुंडी की कहानी गरुड़ गिरा सुनि हरषेउ कागा । बोलेउ उमा परम अनुरागा ॥ धन्य धन्य तव मति उरगारी । प्रस्न तुम्हारि मोहि अति प्यारी ॥१॥ सुनि तव प्रस्...
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