Monday, 23 December, 2024

Story of Shiva and Parvati

123 Views
Share :
Story of Shiva and Parvati

Story of Shiva and Parvati

123 Views

शंकर-पार्वती प्रसंग
 
(चौपाई)
एक बार त्रेता जुग माहीं । संभु गए कुंभज रिषि पाहीं ॥
संग सती जगजननि भवानी । पूजे रिषि अखिलेस्वर जानी ॥१॥
 
रामकथा मुनीबर्ज बखानी । सुनी महेस परम सुखु मानी ॥
रिषि पूछी हरिभगति सुहाई । कही संभु अधिकारी पाई ॥२॥
 
कहत सुनत रघुपति गुन गाथा । कछु दिन तहाँ रहे गिरिनाथा ॥
मुनि सन बिदा मागि त्रिपुरारी । चले भवन सँग दच्छकुमारी ॥३॥
 
तेहि अवसर भंजन महिभारा । हरि रघुबंस लीन्ह अवतारा ॥
पिता बचन तजि राजु उदासी । दंडक बन बिचरत अबिनासी ॥४॥
 
(दोहा)
ह्दयँ बिचारत जात हर केहि बिधि दरसनु होइ ।
गुप्त रुप अवतरेउ प्रभु गएँ जान सबु कोइ ॥ ४८(क) ॥
 
(सोरठा)
संकर उर अति छोभु सती न जानहिं मरमु सोइ ॥
तुलसी दरसन लोभु मन डरु लोचन लालची ॥ ४८(ख) ॥

 

Share :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *