ईन्द्र की योजना का बृहस्पति द्वारा विरोध बचन सुनत सुरगुरु मुसकाने । सहसनयन बिनु लोचन जाने ॥ मायापति सेवक सन माया । करइ त उलटि परइ सुरराया ॥१॥ तब कि...
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અયોધ્યા કાંડ
01-05-2023
Brihaspati oppose Indra’s plan
01-05-2023
Ram tell Bharat to express his view
श्रीराम ने भरत को अपनी बात कहने को कहा कहउँ सुभाउ सत्य सिव साखी । भरत भूमि रह राउरि राखी ॥ तात कुतरक करहु जनि जाएँ । बैर पेम नहि दुरइ दुराएँ ॥१॥ मु...
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01-05-2023
Brihaspati’s advise to Indra
बृहस्पति की ईन्द्र को सलाह सुनु सुरेस उपदेसु हमारा । रामहि सेवकु परम पिआरा ॥ मानत सुखु सेवक सेवकाई । सेवक बैर बैरु अधिकाई ॥१॥ जद्यपि सम नहिं राग न ...
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01-05-2023
Indra’s fear
श्रीराम वापस चले जाय एसी इन्द्र को शंका सुर गन सहित सभय सुरराजू । सोचहिं चाहत होन अकाजू ॥ बनत उपाउ करत कछु नाहीं । राम सरन सब गे मन माहीं ॥१॥ बहुरि...
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01-05-2023
Bharat reach Yamuna shore
भरत यमुना के तीर पहूँचे सत्यसंध प्रभु सुर हितकारी । भरत राम आयस अनुसारी ॥ स्वारथ बिबस बिकल तुम्ह होहू । भरत दोसु नहिं राउर मोहू ॥१॥ सुनि सुरबर सुरग...
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01-05-2023
Bharat move forward to Chitrakoot
भरत चित्रकूट की ओर चले जमुन तीर तेहि दिन करि बासू । भयउ समय सम सबहि सुपासू ॥ रातहिं घाट घाट की तरनी । आईं अगनित जाहिं न बरनी ॥१॥ प्रात पार भए एकहि ...
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01-05-2023
Pray to Bharat, Brihaspati tell Indra
बृहस्पति ने कहा, भरत से प्रार्थना करो सीतापति सेवक सेवकाई । कामधेनु सय सरिस सुहाई ॥ भरत भगति तुम्हरें मन आई । तजहु सोचु बिधि बात बनाई ॥१॥ देखु देवप...
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01-05-2023
Bharat thank Ram
राम की करुणा के लिए भरत ने आभार प्रकट किया कहौं कहावौं का अब स्वामी । कृपा अंबुनिधि अंतरजामी ॥ गुर प्रसन्न साहिब अनुकूला । मिटी मलिन मन कलपित सूला ...
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01-05-2023
Bharat ask for his exile and Ram’s coronation
राम को राजतिलक और मुझे वनवास, भरत ने कहा लखि सब बिधि गुर स्वामि सनेहू । मिटेउ छोभु नहिं मन संदेहू ॥ अब करुनाकर कीजिअ सोई । जन हित प्रभु चित छोभु न ...
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01-05-2023
Bharat await Ram’s command
राम के आदेश की भरत को प्रतिक्षा नतरु जाहिं बन तीनिउ भाई । बहुरिअ सीय सहित रघुराई ॥ जेहि बिधि प्रभु प्रसन्न मन होई । करुना सागर कीजिअ सोई ॥१॥ देवँ द...
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01-05-2023
Everyone happy as King Janak is coming
महाराजा जनक के आगमन के समाचार से सब प्रसन्न दूतन्ह आइ भरत कइ करनी । जनक समाज जथामति बरनी ॥ सुनि गुर परिजन सचिव महीपति । भे सब सोच सनेहँ बिकल अति ॥...
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01-05-2023
People of Ayodhya look forward to Janak
अयोध्या के लोगों की भावना गरइ गलानि कुटिल कैकेई । काहि कहै केहि दूषनु देई ॥ अस मन आनि मुदित नर नारी । भयउ बहोरि रहब दिन चारी ॥१॥ एहि प्रकार गत बास...
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