मिथिला नगरी का अनुपम सौंदर्य (चौपाई)बनइ न बरनत नगर निकाई । जहाँ जाइ मन तहँइँ लोभाई ॥चारु बजारु बिचित्र अँबारी । मनिमय बिधि जनु स्वकर सँवारी ॥१॥ धनि...
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રામાયણ
01-05-2023
Splendor of Mithila
01-05-2023
Janak welcome Vishwamitra
महाराजा जनक द्वारा विश्वामित्र का स्वागत (चौपाई)सुभग द्वार सब कुलिस कपाटा । भूप भीर नट मागध भाटा ॥बनी बिसाल बाजि गज साला । हय गय रथ संकुल सब काला ॥...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 215
महाराजा जनक द्वारा विश्वामित्र का स्वागत (चौपाई)कीन्ह प्रनामु चरन धरि माथा । दीन्हि असीस मुदित मुनिनाथा ॥बिप्रबृंद सब सादर बंदे । जानि भाग्य बड़ राउ...
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01-05-2023
Vishwamitra introduce Ram-Laxman to Janak
विश्वामित्र महाराजा जनक को राम-लक्ष्मण का परिचय देते है (चौपाई)कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक । मुनिकुल तिलक कि नृपकुल पालक ॥ब्रह्म जो निगम नेति कहि गावा ...
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01-05-2023
Janak like Ram-Laxman at first glance
महाराजा जनक राम-लक्ष्मण के प्रति आकर्षित (चौपाई)मुनि तव चरन देखि कह राऊ । कहि न सकउँ निज पुन्य प्राभाऊ ॥सुंदर स्याम गौर दोउ भ्राता । आनँदहू के आनँद...
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01-05-2023
Laxman want to see Mithila
लक्ष्मण को मिथिला नगरी देखने की इच्छा (चौपाई)लखन हृदयँ लालसा बिसेषी । जाइ जनकपुर आइअ देखी ॥प्रभु भय बहुरि मुनिहि सकुचाहीं । प्रगट न कहहिं मनहिं मुस...
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01-05-2023
Ram-Laxman out to see Mithila
राम-लक्ष्मण मिथिला की सैर पर (चौपाई)मुनि पद कमल बंदि दोउ भ्राता । चले लोक लोचन सुख दाता ॥बालक बृंदि देखि अति सोभा । लगे संग लोचन मनु लोभा ॥१॥ पीत ...
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01-05-2023
Ram-Laxman mesmerise people of Mithila
राम-लक्ष्मण को देखकर मिथिलावासी मुग्ध (चौपाई)देखन नगरु भूपसुत आए । समाचार पुरबासिन्ह पाए ॥धाए धाम काम सब त्यागी । मनहु रंक निधि लूटन लागी ॥१॥ निरख...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 221
राम-लक्ष्मण को देखकर मिथिलावासी मुग्ध (चौपाई)कहहु सखी अस को तनुधारी । जो न मोह यह रूप निहारी ॥कोउ सप्रेम बोली मृदु बानी । जो मैं सुना सो सुनहु सया...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 222
राम-लक्ष्मण को देखकर मिथिलावासीयों की प्रतिक्रिया (चौपाई)देखि राम छबि कोउ एक कहई । जोगु जानकिहि यह बरु अहई ॥जौ सखि इन्हहि देख नरनाहू । पन परिहरि हठ...
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01-05-2023
Citizen’s reaction
राम-लक्ष्मण को देखकर मिथिलावासीयों की प्रतिक्रिया (चौपाई)बोली अपर कहेहु सखि नीका । एहिं बिआह अति हित सबहीं का ॥कोउ कह संकर चाप कठोरा । ए स्यामल मृद...
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01-05-2023
Ram-Laxman visit place of swayamvar
राम-लक्ष्मणने स्वयंवर भूमि को देखा (चौपाई)पुर पूरब दिसि गे दोउ भाई । जहँ धनुमख हित भूमि बनाई ॥अति बिस्तार चारु गच ढारी । बिमल बेदिका रुचिर सँवारी ॥...
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