नवदंपतिओं का स्वागत (चौपाई)करहिं आरती बारहिं बारा । प्रेमु प्रमोदु कहै को पारा ॥ भूषन मनि पट नाना जाती । करही निछावरि अगनित भाँती ॥१॥ बधुन्ह समेत ...
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બાલ કાંડ
01-05-2023
Bal Kand Doha 349
01-05-2023
Bal Kand Doha 350
रानीयों द्वारा नवदंपतिओं का सत्कार (चौपाई)चारि सिंघासन सहज सुहाए । जनु मनोज निज हाथ बनाए ॥ तिन्ह पर कुअँरि कुअँर बैठारे । सादर पाय पुनित पखारे ॥१॥...
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01-05-2023
Dashratha salute Vishwamitra
महाराजा दशरथ द्वारा विश्वामित्र का पूजन (चौपाई)देव पितर पूजे बिधि नीकी । पूजीं सकल बासना जी की ॥ सबहिं बंदि मागहिं बरदाना । भाइन्ह सहित राम कल्यान...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 352
महाराजा दशरथ द्वारा विश्वामित्र का पूजन (चौपाई)जो बसिष्ठ अनुसासन दीन्ही । लोक बेद बिधि सादर कीन्ही ॥ भूसुर भीर देखि सब रानी । सादर उठीं भाग्य बड़ ज...
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01-05-2023
Dialogue between Sage Yajnavalkya and Bhardwaj
भरद्वाज आश्रम (चौपाई) भरद्वाज मुनि बसहिं प्रयागा । तिन्हहि राम पद अति अनुरागा ॥तापस सम दम दया निधाना । परमारथ पथ परम सुजाना ॥१॥ माघ मकरगत रबि जब हो...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 45
याज्ञवल्क्य मुनि भरद्वाज आश्रम में (चौपाई)एहि प्रकार भरि माघ नहाहीं । पुनि सब निज निज आश्रम जाहीं ॥प्रति संबत अति होइ अनंदा । मकर मज्जि गवनहिं मुनि...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 46
भरद्वाज अपना संशय व्यक्त करते है (चौपाई)अस बिचारि प्रगटउँ निज मोहू । हरहु नाथ करि जन पर छोहू ॥रास नाम कर अमित प्रभावा । संत पुरान उपनिषद गावा ॥१॥ स...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 47
याज्ञवल्क्य और भरद्वाज का संवाद (चौपाई)जैसे मिटै मोर भ्रम भारी । कहहु सो कथा नाथ बिस्तारी ॥जागबलिक बोले मुसुकाई । तुम्हहि बिदित रघुपति प्रभुताई ॥१...
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01-05-2023
Story of Shiva and Parvati
शंकर-पार्वती प्रसंग (चौपाई)एक बार त्रेता जुग माहीं । संभु गए कुंभज रिषि पाहीं ॥संग सती जगजननि भवानी । पूजे रिषि अखिलेस्वर जानी ॥१॥ रामकथा मुनीबर्ज ...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 49
शंकर-पार्वती श्रीराम को विरही अवस्था में देखते है (चौपाई)रावन मरन मनुज कर जाचा । प्रभु बिधि बचनु कीन्ह चह साचा ॥जौं नहिं जाउँ रहइ पछितावा । करत बिच...
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01-05-2023
Bal Kand Doha 50
श्रीराम के दर्शन से भगवान शंकर भावविभोर (चौपाई)संभु समय तेहि रामहि देखा । उपजा हियँ अति हरपु बिसेषा ॥भरि लोचन छबिसिंधु निहारी । कुसमय जानिन कीन्हि ...
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01-05-2023
Parvati’s doubt
श्रीराम की अवस्था देखकर पार्वती द्विधा में (चौपाई)बिष्नु जो सुर हित नरतनु धारी । सोउ सर्बग्य जथा त्रिपुरारी ॥खोजइ सो कि अग्य इव नारी । ग्यानधाम श्र...
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