सीता को वापिस लौटाने की मंदोदरी ने रावण को गुजारिश की उहाँ निसाचर रहहिं ससंका । जब तें जारि गयउ कपि लंका ॥निज निज गृह सब करहिं बिचारा । नहिं निसिचर...
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સુંદર કાંડ
01-05-2023
Mandodari advise Ravan to set Sita free
01-05-2023
Vibhishan leave Lanka to seek Ram’s refuge
लंकात्याग करके विभीषण चला श्रीराम की शरण में अस कहि चला बिभीषनु जबहीं । आयूहीन भए सब तबहीं ॥साधु अवग्या तुरत भवानी । कर कल्यान अखिल कै हानी ॥१॥ As ...
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01-05-2023
Ravan ignore Mandodari’s advise
रावण ने मंदोदरी की बात को अनसुनी कर दी श्रवन सुनि सठ ता करि बानी । बिहसा जगत बिदित अभिमानी ॥सभय सुभाउ नारि कर साचा । मंगल महुँ भय मन अति काचा ॥१॥ S...
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01-05-2023
Monkey army misunderstand Vibhishan
वानरसेना ने विभीषण के आगमन को शंका की नजर से देखा एहि बिधि करत सप्रेम बिचारा । आयउ सपदि सिंधु एहिं पारा ॥कपिन्ह बिभीषनु आवत देखा । जान कोउ रिपु दूत...
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01-05-2023
Vibhishan meet Ravan
विभीषण रावण को मिला सोइ रावन कहुँ बनी सहाई । अस्तुति करहिं सुनाइ सुनाई ॥अवसर जानि बिभीषनु आवा । भ्राता चरन सीसु तेहिं नावा ॥१॥ Soi Raavan kahu bane...
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01-05-2023
Ram welcome Vibhishan
श्रीराम शरणार्थी का हमेशा स्वागत करते है कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं । जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं ॥...
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01-05-2023
Vibhishan advise Ravana
विभीषण ने रावण को समजाया तात राम नहिं नर भूपाला । भुवनेस्वर कालहु कर काला ॥ब्रह्म अनामय अज भगवंता । ब्यापक अजित अनादि अनंता ॥१॥ Taat Raam nahi nar ...
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01-05-2023
Vibhishan seek refuge
विभीषण श्रीराम की शरण में सादर तेहि आगें करि बानर । चले जहाँ रघुपति करुनाकर ॥दूरिहि ते देखे द्वौ भ्राता । नयनानंद दान के दाता ॥१॥ Saadar tehi aage ...
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01-05-2023
Malyavan concur to Vibhishan’s view
माल्यवान विभीषण से सहमत माल्यवंत अति सचिव सयाना । तासु बचन सुनि अति सुख माना ॥तात अनुज तव नीति बिभूषन । सो उर धरहु जो कहत बिभीषन ॥१॥ Malyavant ati ...
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01-05-2023
Ram give refuge to Vibhishan
श्रीराम ने विभीषण को शरण दिया अस कहि करत दंडवत देखा । तुरत उठे प्रभु हरष बिसेषा ॥दीन बचन सुनि प्रभु मन भावा । भुज बिसाल गहि हृदयँ लगावा ॥१॥ As kahi...
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01-05-2023
Vibhishan feel blessed
श्रीराम की शरण में विभीषण को धन्यता का अनुभव तब लगि हृदयँ बसत खल नाना । लोभ मोह मच्छर मद माना ॥जब लगि उर न बसत रघुनाथा । धरें चाप सायक कटि भाथा ॥१...
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01-05-2023
Ram’s compassion
श्रीराम की शरणागत वत्सलता सुनहु सखा निज कहउँ सुभाऊ । जान भुसुंडि संभु गिरिजाऊ ॥जौं नर होइ चराचर द्रोही । आवौ सभय सरन तकि मोही ॥१॥ Sunahu sakha nij...
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